इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ :
सरकारी स्कूलों के शिक्षा मानक में और सुधार लाने और स्कूलों में बढ़िया बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने के लिए शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला द्वारा की गई कोशिशों के नतीजे के तौर पर अब तक 13,225 स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदला गया है। इसके नतीजे के तौर पर सरकारी स्कूलों में पिछले सालों के दौरान दाखिलों में बहुत वृद्धि हुई है। इसकी जानकारी देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 13,225 स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदल दिया गया है। सिंगला ने यह प्रोजेक्ट लागू करने के लिए सितंबर 2019 में स्मार्ट स्कूल नीति की शुरुआत की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों के बुनियादी ढांचे को ऊंचा उठाना और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाना था। प्रवक्ता के अनुसार स्मार्ट स्कूलों को बनाने के लिए गांवों की पंचायतों, विभिन्न नेताओं, समुदायों, दानदाताओं, स्कूल प्रबंधिक कमेटियों, प्रवासी भारतीयों और स्कूलों के स्टाफ द्वारा अमूल्य योगदान दिया गया है। स्कूलों के कमरों, खेल मैदानों, शिक्षा पार्कों, विज्ञान प्रयोगशालाओं और शौचालयों की स्थिति में सुधार किया गया है। यह स्मार्ट स्कूल आम स्कूलों की अपेक्षा पूरी तरह अलग हैं। स्मार्ट स्कूल तकनीक पर आधारित शिक्षण संस्थाएं हैं, जोकि विद्यार्थियों के समूचे विकास के अलावा समाज आधारित सूचना और ज्ञान के लिए बच्चों को तैयार करती हैं। हरेक स्मार्ट स्कूल के विद्यार्थी-अध्यापक अनुपात के अनुसार हरेक सेक्शन के लिए अलग क्लास रूम हैं।
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