इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत खाते में पहला मेडल टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल लेकर आई हैं। भाविना ने राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर पूरे भारत को यह तोहफा दिया है। गोल्ड मेडल के लिए खेले गए मैच में भाविना को दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की यिंग झोउ के खिलाफ 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बावजूद उन्होंने करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया है। बेस्ट आॅफ फाइनल सेट में भाविना एक भी सेट नहीं जीत सकीं और झोउ ने 3-0 से जीत दर्ज गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। रविवार की सुबह विमेंस सिंगल्स क्लास-4 का फाइनल मैच खेला गया। 34 वर्षीय भाविना ने पैरालंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन किया और शनिवार को समेफाइनल मुकाबले में दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से हराकर भारतीय खेमे में भी सभी को चौंका दिया था। भाविना हालांकि फाइनल मैच में यह लय नहीं दिखा पाईं और झोउ के खिलाफ गोल्ड मेडल मैच 19 मिनट में ही गंवा दिया। इस मेडल के साथ टोक्यो पैरालंपिक गेम्स में भारत का खाता भी खुल गया। टोक्यो ओलंपिक गेम्स में भी भारत का खाता सिल्वर मेडल से ही खुला था और तब भी महिला एथलीट ने ही भारत का खाता खोला था। टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीता था, जो भारत का इन खेलों में पहला मेडल था। झोउ के खाते में पांच पैरालंपिक मेडल हैं, जिसमें बीजिंग और लंदन पैरालंपिक में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। छह बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीत चुकीं झोउ ने फाइनल में भाविना को खुद पर हावी होने का कोई मौका नहीं दिया।
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