मन की बात के 80वें एपिसोड में पीएम मोदी ने मेजर ध्यानचंद को किया याद

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pm narendra modi
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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए आज देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने सबसे पहले हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस पर उन्हें याद किया। पीएम मोदी ने कहा, आप कल्पना कर सकते हैं मेजर ध्यानचंद जी के दिल पर, उनकी आत्मा पर, वो जहां होंगे, वहां, कितनी प्रसन्नता होती होगी। ध्यानचंद को श्रद्धांजलि देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज, जब हमें देश के नौजवानों में हमारे बेटे-बेटियों में, खेल के प्रति जो आकर्षण नजर आ रहा है, माता-पिता को भी बच्चे अगर खेल में आगे जा रहे हैं तो खुशी हो रही है, ये जो ललक दिख रही है न मैं समझता हूं, यही मेजर ध्यानचंद जी को बहुत बड़ी श्रद्धांजलि है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है। वो नए रास्ते बनाना चाहता है। मंजिल भी नई, लक्ष्य भी नए, राह भी नई और चाह भी नई, अरे एक बार मन में ठान लेता हैं न युवा, जी-जान से जुट जाता है. दिन-रात मेहनत कर रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही हमारे देश में खिलौनों की चर्चा हो रही थी। देखते ही देखते जब हमारे युवाओं के ध्यान में ये विषय आया उन्होंने भी मन में ठान लिया कि दुनिया में भारत के खिलौनों की पहचान कैसे बने। कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है और इस बार ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला, चार दशक के बाद मिला। आज छोटे-छोटे शहरों में भी स्टार्ट-अप कल्चर का विस्तार हो रहा है और मैं उसमें उज्जवल भविष्य के संकेत देख रहा हूं। हम देखते हैं, अभी कुछ समय पहले ही, भारत ने, अपने स्पेस सेक्टर को ओपन किया और देखते ही देखते युवा पीढ़ी ने उस मौके को पकड़ लिया और इसका लाभ उठाने के लिए कॉलेजों के छात्र, यूनिवर्सिटी, प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले नौजवान बढ़-चढ़ करके आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि कल जन्माष्टमी का महापर्व भी है। जन्माष्टमी का ये पर्व यानी, भगवान श्री कृष्ण के जन्म का पर्व। हम भगवान के सब स्वरूपों से परिचित हैं, नटखट कन्हैया से ले करके विराट रूप धारण करने वाले कृष्ण तक, शास्त्र सामर्थ्य से ले करके शस्त्र सामर्थ्य वाले कृष्ण तक। मैं सभी देशवासियों को जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। वहीं आज जब हम अपने देश की आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो हमें ये याद रखना है कि स्वच्छ भारत अभियान के संकल्प को हमें कभी भी मंद नहीं पड़ने देना।

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